Karwa Chauth 2023 Kab Hai – करवा चौथ कब है – 2023 में करवा चौथ 1 नवंबर को है। यह बुधवार को है। करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।
करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 5:44 से रात 7:02 तक है। चांद निकलने का समय रात 8:26 है।
करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ की पूजा थाली में क्या-क्या रखें
करवा चौथ की पूजा थाली में निम्नलिखित सामग्री रखी जाती है:
- करवा: मिट्टी या धातु से बना एक छोटा बर्तन
- सूत: करवा को बांधने के लिए
- चावल: करवा में भरने के लिए
- रोली: करवा को रंगने के लिए
- हल्दी: करवा को रंगने के लिए
- दीप: करवा की पूजा के लिए
- फूल: करवा की पूजा के लिए
- मिठाई: चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए
- पानी: चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए
- सरगी: व्रती के लिए
करवा चौथ की पूजा थाली सजाने के लिए:
- थाली को साफ करें और उस पर एक चौक बनाएं।
- करवा को चौक के बीच में रखें।
- सूत से करवा को बांधें।
- करवा में चावल भरें।
- करवा को रोली और हल्दी से रंगें।
- थाली के चारों ओर फूल सजाएं।
- थाली के बीच में एक दीपक जलाएं।
- थाली के पास मिठाई और पानी रखें।
करवा चौथ की पूजा थाली में रखी जाने वाली सामग्री का महत्व:
- करवा: करवा सुहाग की प्रतीक है।
- सूत: सुहाग को बांधने का प्रतीक है।
- चावल: सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
- रोली: मंगल और सौभाग्य का प्रतीक है।
- हल्दी: शुद्धता और निरोगता का प्रतीक है।
- दीप: प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक है।
- फूल: प्रेम और सम्मान का प्रतीक है।
- मिठाई: सुख और आनंद का प्रतीक है।
- पानी: जीवन और समृद्धि का प्रतीक है।
- सरगी: सास द्वारा बहू को दी जाने वाली आशीर्वाद की प्रतीक है।
करवा चौथ की पूजा थाली को साफ और सुंदर तरीके से सजाना चाहिए। यह व्रती के सुहाग और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है।
करवा चौथ की पूजा निम्नलिखित चरणों में की जाती है:
दिन:
- सुबह उठकर, स्नान करें और नए कपड़े पहनें।
- सरगी लें।
- करवा माता की पूजा करें।
- निर्जला व्रत रखें।
- मिठाई और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन खाएं।
रात:
- चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- अपने पति से मिठाई खिलाकर अपना व्रत खोलें।
करवा चौथ की पूजा सामग्री:
- करवा: मिट्टी या धातु से बना एक छोटा बर्तन
- सूत: करवा को बांधने के लिए
- चावल: करवा में भरने के लिए
- रोली: करवा को रंगने के लिए
- हल्दी: करवा को रंगने के लिए
- दीप: करवा की पूजा के लिए
- फूल: करवा की पूजा के लिए
- मिठाई: चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए
- पानी: चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए
करवा चौथ की पूजा विधि:
दिन:
- सुबह उठकर, स्नान करें और नए कपड़े पहनें।
- अपनी सास से सरगी लें। सरगी में मिठाई, फल, और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं। सरगी खाने से व्रती को पूरे दिन शक्ति और ऊर्जा मिलती है।
- अपने घर पर, एक चौक बनाकर उस पर करवा रखें। करवा को सूत से बांधें और उसमें चावल भरें। करवा को रोली और हल्दी से रंगें।
- करवा के सामने एक दीपक जलाएं और फूल अर्पित करें।
- करवा माता की आरती करें।
- निर्जला व्रत रखें।
- शाम को, मिठाई और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन खाएं।
रात:
- चंद्रमा निकलने के बाद, चंद्रमा को अर्घ्य दें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए, अपने पति के हाथ से पानी और मिठाई लें। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय, करवा माता की प्रार्थना करें।
- अपने पति से मिठाई खिलाकर अपना व्रत खोलें।
करवा चौथ की पूजा के मंत्र:
- करवा माता की आरती:
जय करवा माता, सुहाग की माता,
पति की लंबी आयु की दाता।
तुमने व्रती के दुख दूर किए,
करवा चौथ की खुशी मनाई।
करवा माता की आरती गाओ,
सुहागिन स्त्री की लाज बचाओ।
चांद की चांदनी में,
करवा माता की आरती चमके।
पति-पत्नी का प्रेम बढ़े,
करवा चौथ की खुशी सदा बरसे।
जय करवा माता, जय करवा माता।
- करवा माता की प्रार्थना:
हे करवा माता, मैं आपकी भक्ती से प्रार्थना करती हूं कि आप मेरे पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना पूरी करें।
मेरे पति हमेशा स्वस्थ और निरोगी रहें। मेरे पति हमेशा मुझसे प्यार करते रहें।
मैं आपके आशीर्वाद से एक सुखी और समृद्ध जीवन जीऊंगी।
जय करवा माता, जय करवा माता।
करवा चौथ की पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण को बढ़ावा देता है। यह एक दिन है जब महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।
FAQ
Karwa Chauth 2023 Kab Hai ?
2023 में करवा चौथ 1 नवंबर को है