Karwa Chauth KI Rat Ko Pati Patni Kya Karte Hain

करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं – Karwa Chauth KI Rat Ko Pati Patni Kya Karte Hain – करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ की पूजा में करवा माता की पूजा की जाती है। करवा माता को सुहागिन महिलाओं की आराध्य देवी माना जाता है। करवा माता की पूजा करने से पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।

करवा चौथ की पूजा के लिए महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। इसके बाद वे करवा माता की पूजा करती हैं। पूजा में करवा, रोली, चावल, हल्दी, दीप, फूल, मिठाई, और अन्य सामग्री अर्पित की जाती है। पूजा के बाद महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पति-पत्नी के बीच प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देता है। यह एक दिन है जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए अपने प्यार और समर्पण का इजहार करते हैं।

करवा चौथ की कुछ प्रमुख रस्में और परंपराएं निम्नलिखित हैं:

  • सरगी: करवा चौथ के दिन सुबह, सास अपनी बहू को सरगी देती है। सरगी में मिठाई, फल, और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं। सरगी खाने से व्रती को पूरे दिन शक्ति और ऊर्जा मिलती है।
  • करवा माता की पूजा: करवा चौथ की पूजा में करवा, रोली, चावल, हल्दी, दीप, फूल, मिठाई, और अन्य सामग्री अर्पित की जाती है। पूजा के बाद महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देना: करवा चौथ की रात को चांद निकलने के बाद, महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।
  • व्रत खोलना: करवा चौथ की रात को चांद को अर्घ्य देने के बाद, महिलाएं अपने पति से मिठाई खिलाकर अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। यह एक दिन है जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए अपने प्यार और समर्पण का इजहार करते हैं।

करवा चौथ कब है 2023

2023 में करवा चौथ 1 नवंबर को है। यह बुधवार को है। करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।

करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 5:44 से रात 7:02 तक है। चांद निकलने का समय रात 8:26 है।

करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ की रात को पति-पत्नी एक साथ चांद देखकर अपना व्रत खोलते हैं। इसके बाद वे एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और पति अपनी पत्नी को उपहार देता है। इसके बाद वे एक साथ समय बिताते हैं, बातें करते हैं, और एक-दूसरे के साथ अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं।

करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं - Karwa Chauth KI Rat Ko Pati Patni Kya Karte Hain

करवा चौथ की कहानी

करवा चौथ की कहानी एक सुहागिन महिला, करवा, की कहानी है जो अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है। करवा की कहानी कई संस्करणों में मौजूद है, लेकिन सभी संस्करणों में एक ही मूल तत्व हैं।

एक संस्करण में, करवा एक गरीब किसान की पत्नी है। उसके पति का नाम व्रत है। करवा अपने पति से बहुत प्यार करती है और उसे लंबी आयु की कामना करती है। इसलिए, वह करवा चौथ का व्रत रखती है।

करवा चौथ की रात को, करवा निर्जला व्रत रखती है और चंद्रमा को अर्घ्य देती है। वह अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है।

अगले दिन, व्रत की मृत्यु हो जाती है। करवा अपने पति के मरने से बहुत दुखी हो जाती है। वह यमराज के पास जाती है और अपने पति को वापस लाने के लिए कहती है।

यमराज करवा की भक्ति से प्रसन्न होते हैं और वह करवा को एक वरदान देते हैं। यमराज कहते हैं कि व्रत की आत्मा एक साल के लिए करवा के पति में प्रवेश करेगी। एक साल बाद, व्रत की आत्मा स्वर्ग में वापस चली जाएगी।

करवा अपने पति के साथ एक साल तक रहती है। एक साल बाद, व्रत की आत्मा स्वर्ग में वापस चली जाती है। करवा अपने पति के जाने से बहुत दुखी हो जाती है, लेकिन वह जानती है कि वह अब स्वर्ग में है।

करवा चौथ की कहानी पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण की कहानी है। यह एक दिन है जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए अपने प्यार और समर्पण का इजहार करते हैं।

यहां करवा चौथ की एक अन्य कहानी दी गई है:

एक समय की बात है, एक गांव में एक सुहागिन महिला थी, जिसका नाम करवा था। करवा अपने पति से बहुत प्यार करती थी और वह हमेशा उसकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती थी।

एक दिन, करवा के पति को युद्ध में जाना पड़ा। करवा बहुत चिंतित थी। वह अपने पति की सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती रही।

युद्ध में, करवा के पति को गंभीर चोट लगी। वह जख्मी होकर घर लौटा। करवा ने अपने पति की देखभाल की और उसे ठीक होने में मदद की।

करवा के पति की जान बच गई। करवा बहुत खुश थी। उसने भगवान का शुक्रिया अदा किया।

करवा ने फैसला किया कि वह अपने पति की लंबी आयु के लिए हर साल करवा चौथ का व्रत रखेगी। वह इस दिन निर्जला व्रत रखती थी और चंद्रमा को अर्घ्य देती थी।

करवा चौथ का व्रत रखने से करवा के पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति हुई।

यह कहानी करवा चौथ के महत्व को बताती है। करवा चौथ एक दिन है जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए अपने प्यार और समर्पण का इजहार करते हैं। यह एक दिन है जब महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।

करवा चौथ व्रत कथा एवं आरती

करवा चौथ व्रत आरती

जय करवा माता, सुहाग की माता,पति की लंबी आयु की दाता।

तुमने व्रती के दुख दूर किए,करवा चौथ की खुशी मनाई।

करवा माता की आरती गाओ,सुहागिन स्त्री की लाज बचाओ।

चांद की चांदनी में,करवा माता की आरती चमके।

पति-पत्नी का प्रेम बढ़े,करवा चौथ की खुशी सदा बरसे।

जय करवा माता, जय करवा माता।

करवा चौथ की आरती सभी सुहागिनों को समर्पित।

Youutbe

करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं

यहां करवा चौथ की रात को पति-पत्नी द्वारा किए जाने वाले कुछ विशिष्ट कार्यों की सूची दी गई है:

  • चांद देखना और व्रत तोड़ना: करवा चौथ की रात को चांद निकलने के बाद, पति अपनी पत्नी को चांद दिखाता है। पत्नी चांद को देखकर अपने व्रत को तोड़ती है।
  • मिठाई खिलाना और उपहार देना: पति अपनी पत्नी को मिठाई खिलाता है और उसे उपहार देता है। यह एक-दूसरे के लिए प्यार और सम्मान का एक प्रतीक है।
  • एक साथ समय बिताना: पति-पत्नी एक साथ समय बिताते हैं, बातें करते हैं, और एक-दूसरे के साथ अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं।

कुछ पति-पत्नी करवा चौथ की रात को एक साथ पूजा भी करते हैं। वे करवा माता की पूजा करते हैं और अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पति-पत्नी के बीच प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देता है। यह एक दिन है जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए अपने प्यार और समर्पण का इजहार करते हैं।

Diwali Rangoli Design

FAQ करवा चौथ

करवा चौथ कब है 2023?

2023 में करवा चौथ 1 नवंबर को है। यह बुधवार को है। करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।

करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 5:44 से रात 7:02 तक है। चांद निकलने का समय रात 8:26 है।

करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं?

एक साथ समय बिताना: पति-पत्नी एक साथ समय बिताते हैं, बातें करते हैं, और एक-दूसरे के साथ अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं।

पहली बार करवा चौथ कैसे करें?

पहली बार करवा चौथ रखने के लिए, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • सामान तैयार करें: करवा चौथ के लिए आपको कुछ जरूरी सामान तैयार करने की आवश्यकता होगी। इसमें शामिल हैं:
    • करवा: मिट्टी या धातु से बना एक छोटा बर्तन
    • सूत: करवा को बांधने के लिए
    • चावल: करवा में भरने के लिए
    • रोली: करवा को रंगने के लिए
    • हल्दी: करवा को रंगने के लिए
    • दीप: करवा की पूजा के लिए
    • फूल: करवा की पूजा के लिए
    • मिठाई: चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए
    • पानी: चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए
  • सरगी लें: करवा चौथ के दिन सुबह, आपकी सास आपको सरगी देगी। सरगी में मिठाई, फल, और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं। सरगी खाने से व्रती को पूरे दिन शक्ति और ऊर्जा मिलती है।
  • करवा माता की पूजा करें: करवा चौथ की पूजा में करवा माता की पूजा की जाती है। करवा माता को सुहागिन महिलाओं की आराध्य देवी माना जाता है। करवा माता की पूजा करने से पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।
  • निर्जला व्रत रखें: करवा चौथ का व्रत एक निर्जला व्रत है। इसका मतलब है कि आपको पूरे दिन कुछ भी नहीं खाना या पीना है। व्रत रखने से पति के प्रति आपका समर्पण और प्यार प्रकट होता है।
  • चंद्रमा को अर्घ्य दें: करवा चौथ की रात को, चंद्रमा निकलने के बाद, आपको चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। चंद्रमा को अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।
  • व्रत खोलें: करवा चौथ की रात को, चांद को अर्घ्य देने के बाद, आपको अपने पति से मिठाई खिलाकर अपना व्रत खोलना चाहिए।